गुटनिरपेक्षता का मूल रूप से क्या अभिप्राय है?

(A) अपनी नीति चुनना
(B) शक्ति गुटों के प्रति तटस्थता
(C) विश्व में शांति और एकता लाना
(D) तीसरी दुनिया की शक्ति होना

Answer : शक्ति गुटों के प्रति तटस्थता

Explanation : गुटनिरपेक्षता का मूल रूप से अभिप्राय है शक्ति के गुटों के प्रति तटस्थता। 20 सितंबर, 1961 को भारत के प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु, मिस्त्र के राष्ट्रपति कर्नल नासिर तथा यूगोस्लाविया के राष्ट्रपति मार्शल टीटो के सहयोग से विश्व की तीसरी शक्ति के रूप में यूगोस्लाविया की राजधानी में गुट निरपेक्ष आंदोलन का गठन किया गया। इसका पहला सम्मेलन सितंबर 1961 में बेलग्रेड में हुआ था। राष्ट्रपति टीटो के सुझाव से इस सम्मेलन में 20 देशों को आमंत्रित किया गया, जिसमें 25 देशों ने अपने प्रतिनिधि भेजकर और तीन देशों ने अपने पर्यवेक्षक भेजकर इस सम्मेलन में भाग लिया।
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Web Title : Gutnirpekshta Ka Mool Roop Se Kya Abhipray Hai