जयपुर का परंपरागत शिल्प कौनसा है?

(A) थेवा कार्य
(B) ऊनी खादी
(C) पेंटिंग्स
(D) ब्लू पॉटरी

Answer : ब्लू पॉटरी (Blue Pottery)

Explanation : जयपुर का परंपरागत शिल्प ब्लू पॉटरी (Blue Pottery) है। 'ब्लू पॉटरी' को हिंदी में नील मृद्भांड कहते है। इसमें परम्परागत हरे एवं नीले रंग का प्रयोग होता है। यह अकबर के समय ईरान से लाहौर आयी। इसके बाद मानसिंह सिंह प्रथम लाहौर से इसे जयपुर लाये। जयपुर की ब्लू पॉटरी को पुनर्जीवित करने में कृपाल सिंह शेखावत का महत्वपूर्ण योगदान है। इस कला ने उन्हें अपार प्रसिद्धि दिलाई। कृपाल सिंह शेखावत मऊ शिखर ब्लू पॉटरी के जादूगर थे। उन्होंने 25 रंगों का प्रयोग कर नई शैली बनाई, जिसे ‘कृपाल शैली’ कहते हैं। इसके लिए उन्हें 1974 में पद्मश्री एवं 1980 में कलाविद की उपाधि दी गई। 2002 में उन्हें भारत सरकार ने शिल्प गुरु की उपाधि से सम्मानित किया। 1922 में जन्मे कृपाल सिंह शेखावत का 15 फरवरी 2008 को देहांत हो गया।
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Web Title : Jaipur Ka Paramparagat Shilp Kaunsa Hai