ज्यों-ज्यों भीगे कामरी, त्यों-त्यों भारी होय का अर्थ और वाक्य प्रयोग

(A) व्यर्थ आडम्बर
(B) आंखों देखी विश्वासनीय है, कानों सुनी नहीं
(C) आंख पर पर्दा पड़ने पर कुछ नहीं सूझता
(D) समय के बीतने के साथ है, जिम्मेदारियां बढ़ती जाती हैं

Answer : समय के बीतने के साथ है, जिम्मेदारियां बढ़ती जाती हैं

Explanation : ज्यों-ज्यों भीगे कामरी, त्यों-त्यों भारी होय का अर्थ jyon jyon bhige kamari tyon tyon bhari hoy है 'समय के बीतने के साथ है, जिम्मेदारियां बढ़ती जाती हैं।' हिंदी लोकोक्ति ज्यों-ज्यों भीगे कामरी, त्यों-त्यों भारी होय का वाक्य में प्रयोग होगा – अभी कुछ दिन और बीतने दीजिए जब बाल-बच्चों का खर्च सिर पर आएगा तो अपने आप ही समझ में आ जाएगा, क्योंकि ज्यों-ज्यों भीगे कामरी, त्यों-त्यों भारी होय। हिन्दी मुहावरे और लोकोक्तियाँ में 'ज्यों-ज्यों भीगे कामरी, त्यों-त्यों भारी होय' जैसे मुहावरे कई प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे संघ लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग, बी.एड., सब-इंस्पेटर, बैंक भर्ती परीक्षा, समूह 'ग' सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षाओं के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होते है।
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Useful for : UPSC, State PSC, SSC, Railway, NTSE, TET, BEd, Sub-inspector Exams
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Web Title : Jyon Jyon Bhige Kamari Tyon Tyon Bhari Hoy