ज्यों नकटे को आरसी होत दिखाई क्रोध का अर्थ और वाक्य प्रयोग

(A) नाम लेने मात्र से कोई हानि-लाभ नहीं होता
(B) कष्ट देने वाली वस्तु कष्ट का निवारण भी करती है।
(C) जिधर जाएं उधर ही संकट
(D) दोषी को अपना दोष बताये जाने पर क्रोध होता है

Answer : दोषी को अपना दोष बताये जाने पर क्रोध होता है

Explanation : ज्यों नकटे को आरसी होत दिखाई क्रोध का अर्थ jyon nakte ko arssi hot dikhai krodh है 'दोषी को अपना दोष बताये जाने पर क्रोध होता है।' हिंदी लोकोक्ति ज्यों नकटे को आरसी होत दिखाई क्रोध का वाक्य में प्रयोग होगा – चोर को यदि कहेंगे कि चोरी करना पाप है तो वह बहुत ही गुस्सा होगा। कहा भी गया है कि 'ज्यों नकटे को आरसी होत दिखाई क्रोध'। हिन्दी मुहावरे और लोकोक्तियाँ में 'ज्यों नकटे को आरसी होत दिखाई क्रोध' जैसे मुहावरे कई प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे संघ लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग, बी.एड., सब-इंस्पेटर, बैंक भर्ती परीक्षा, समूह 'ग' सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षाओं के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होते है।
Tags : लोकोक्तियाँ एवं मुहावरे हिंदी लोकोक्तियाँ हिन्दी मुहावरे और लोकोक्तियाँ
Useful for : UPSC, State PSC, SSC, Railway, NTSE, TET, BEd, Sub-inspector Exams
करेंट अफेयर्स 2023 और नवीनतम जीके अपडेट के लिए GK Prashn Uttar YouTube चैनल को सब्सक्राइब करें
Related Questions
Web Title : Jyon Nakte Ko Arssi Hot Dikhai Krodh