‘केवल सूक्ष्मगत सौंदर्य सत्ता का राग’ कहकर ‘छायावाद’ का विरोध किसने किया था?

(A) आचार्य रामचंद्र शुक्ल
(B) महादेवी वर्मा
(C) सुमित्रानंदन पंत
(D) अज्ञेय

Answer : महादेवी वर्मा

Explanation : 'केवल सूक्ष्मगत सौंदर्य सत्ता का राग' कहकर 'छायावाद' का विरोध महादेवी वर्मा ने किया था। महादेवी वर्मा ने छायावाद को परिभाषित करते हुए लिखा है कि छायावाद स्थूल की प्रतिक्रिया में उत्पन्न हुआ है। अतः स्थूल रूप में स्वीकार करना उसके लिए सम्भव न हुआ। उसने जीवन के इतिवृत्तात्मक यथार्थ चित्र नहीं दिए क्योंकि वह स्थूल से उत्पन्न सूक्ष्म सौन्दर्य सत्ता की प्रतिक्रिया थी। अप्रत्यक्ष सूक्ष्म के प्रति उपेक्षित यथार्थ की नहीं, जो आज की वस्तु है। उसका मूल दर्शन सर्वात्मवाद है। छायावाद तत्वतः प्रकृति के बीच जीवन का उद्गीथ है। अतः केवल सूक्ष्मगत सौन्दर्यसत्ता का राग कहकर छायावाद का विरोध महादेवी वर्मा ने किया था।
Tags : महादेवी वर्मा सामान्य हिन्दी प्रश्नोत्तरी
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Web Title : Keval Sukshmagat Saundarya Satta Ka Raag Kah Kar Chhayavad Ka Virodh Kisne Kiya Tha