प्रकाश को दोहरी प्रकृति का क्यों कहा जाता है?

(A) यह तरंग व कणों के गुण प्रदर्शित करता है।
(B) यह परावर्तन और विवर्तन के गुण प्रदर्शित करता है।
(C) इसमें व्यतिकरण और ध्रुवीकरण दोनों का प्रभाव देखा जाता है।
(D) यह प्रकाश विद्युत प्रभाव दिखाता है।

Question Asked : Uttar Pradesh Vidhan Parishad Exam 2020

Answer : यह तरंग व कणों के गुण प्रदर्शित करता है।

Explanation : प्रकाश की दोहरी प्रकृति का अर्थ है कि प्रकाश में तरंग और कण जैसे गुण होते हैं। कुछ प्रयोग व्यतिकरण जैसे प्रकाश की तरंग प्रकृति की पुष्टि करते हैं और कुछ प्रयोग प्रकाश की कण प्रकृति की पुष्टि करते हैं जैसे प्रकाशविद्युत प्रभाव। पहले मैक्सवेल ने प्रकाश को तरंग के रूप में माना तथा इस तरह वे परावर्तन, अपवर्तन, ध्रुवण, विवर्तन और व्यतिकरण की व्याख्या तो कर सके पर प्रकाश वैद्युत प्रभाव और कॉम्पटन प्रभाव इत्यादी की नहीं, वहीं मैक्स प्लांक ने इसे कण के रूप में मानकर इनकी व्याख्या की। डी-ब्रोग्ली ने दोनों के रूप में प्रकाश की प्रकृति को समझाया।
Useful for : UPSC, State PSC, IBPS, SSC, Railway, NDA, Police Exams
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Web Title : Prakash Ki Dohori Prakriti Ko Kyon Kaha Jata Hai