संथाल विद्रोह के नेता कौन थे?

(A) सिद्धु तथा कान्हू
(B) चांद और भैरव
(C) फूलो और झानो
(D) खाम्पटी एवं सिंहपो

Answer : सिद्धु तथा कान्हू

Explanation : संथाल विद्रोह के नेता सिद्धु तथा कान्हू थे। इसमें उनके दो भाई चांद और भैरव तथा दो बहनें फूलो और झानो ने भी सहयोग दिया था। सन्थाल विद्रोह बंगाल के मुर्शिदाबाद व बिहार के भागलपुर, झारखण्ड के हजारीबाग, उड़ीसा के वीरभूम आदि जिलों में 1855-56 ई. में हुआ था। इस समय भागलपुर से राजमहल के बीच का क्षेत्र दामन-ए-कोल के नाम से जाना जाता था। यह विद्रोह भूमिकर अधिकारियों द्वारा किए जाने वाले दुर्व्यवहार, जमींदार, साहूकार आदि के द्वारा किए जाने वाले अत्याचार के खिलाफ किया गया था। विद्रोह के पश्चात् अंग्रेजी सरकार ने 1855 ई. में संथाल क्षेत्र को पृथक् नॉन रेग्युलेशन जिला घोषित किया था इसका नाम संथाल परगना रखा। प्रशासन हेतु मांझी प्रथा को मान्यता दी गई।

बतादें कि भागलपुर एवं राजमहल के संथाल आदिवासियों ने 1855 ई. में जमींदारों, साहूकारों के अत्याचार एवं भूमिकर अधिकारियों के दमनात्मक व्यवहार के प्रति विद्रोह किया। विद्रोह के परिणामस्वरूप विद्रोहियों ने संथाल परगना गठित करने की मांग उठाई थी। संथाल विद्रोह भगनिडीह नामक गांव से शुरु किया गया था। उल्ले​खनीय है कि औपनिवेशिक काल में अंग्रेजों ने भारत में अपने साम्राज्य विस्तार के क्रम में जमींदारों, कृषकों एवं आदिवासियों को उनकी जमीनों तथा क्षेत्रों से बेदखल किया, जिससे इन समुदायों में ब्रिटिश राज के प्रति तीव्र असन्तोष फैला, जिसके परिणामस्वरूप अंग्रेजी राज्य की स्थापना के साथ ही विद्रोहों की तीव्रता भी बढ़ी। समय समय पर देश के विभिन्न जनजातीय एवं किसान विद्रोह हुए। इसी क्रम में यह संथाल विद्रोह हुआ था।
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Web Title : Santhal Vidroh Ke Neta Kaun The