शुकनास कौन था?

(A) मंत्री
(B) राजा
(C) दरबारी
(D) पुरोहित

Answer : मंत्री

Explanation : लक्ष्मी के गुण-दोषों का वर्णन शुकनास ने किया है। यह प्रसंग तारापीड के मंत्री शुकनास ने चन्द्रापीड को युवराज बनने से पहले लक्ष्मी के गुणों दोषों का शुकनासोपदेश में उल्लेख किया है जो इस प्रकार है-राग, वक्रता, चञ्चलता, मोहन शक्ति (काल कूट), मद और निष्ठुरता– जो लक्ष्मी में स्वभावत: पाई जाती है। यह न परिचय की रक्षा करती है, न कुल, न सौन्दर्य, न वंश परम्परा, न सच्चरित्रता, न पाण्डित्य का आदर करती है, न शास्त्र को सुनती है, न धर्म को मानती है, न त्याग को महत्व देती है, न विशेषता पर विचार करती है, न आचार का पालन करती है, न सत्य को जानती है और न लक्षण (सामुद्रिक शास्त्र में कहे हुए भाग्य के) को प्रमाणित करती है, (यह, लक्ष्मी) गन्धर्वनगर की रेखा के समान देखते ही नष्ट हो जाती है। अनार्या, दुष्ट अनाड़ी, लक्ष्मी अर्थात् यह अनाड़ी लक्ष्मी किसी से जान-पहचान नहीं रखती है, जाने हुए को छोड़ देती है और अनजाने के पास चली जाती है।
Tags : संस्कृत
Useful for : UPSC, State PSC, IBPS, SSC, Railway, NDA, Police Exams
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