कण्ठाश्लेषप्रणयिनी जने किं पुनर्दूरसंस्थे’ इसमें ‘जन’ शब्द किसका बोधक है?

(A) मेघ
(B) यक्ष
(C) राजहंस
(D) चातक

Question Asked : [TGT Exam 2001]

Answer : यक्ष

'कण्ठश्लेषप्रणयिनि जने किं पुनर्दूरसंस्थे' इसमें 'जन' शब्द यक्ष का बोधक है। प्रस्तुत सूक्ति महाकवि कालिदास प्रणीत 'मेघदूतम्' के पूर्वमेघ के तृतीय श्लोक से उदधृत है जिसका अभिप्राय यह है कि 'कण्ठ के आलिड्गन के इच्छुकजन (प्रिया) के दूर स्थित होने पर तो कहना ही क्या।
Tags : संस्कृत संस्कृत प्रश्नोत्तरी
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Web Title : कण्ठाश्लेषप्रणयिनी जने क