‘अर्थो हि कन्या परकीय एव’ का अर्थ

(A) सत्संगति मनुष्यों की कौन-सी भलाई नहीं करती।
(B) सम्बन्ध (मैत्री) तो बातचीत से उत्पन्न हुआ करती है, ऐसा लोग कहते हैं।
(C) कन्या वस्तुत: पराई वस्तु है।
(D) इनमें से कोई नहीं

Answer : कन्या वस्तुत: पराई वस्तु है।

Explanation : संस्कृत सूक्ति 'अर्थो हि कन्या परकीय एव' का हिंदी में अर्थ– कन्या वस्तुत: पराई वस्तु है। संस्कृत की यह सूक्ति अभिज्ञान शाकुन्तलम् से ली गई है। State TET, CTET, TGT, PGT आदि परीक्षाओं के लिए कुछ अन्य महत्वपूर्ण संस्कृत सूक्तियां हिंदी में अर्थ सहित पढ़े–
अशेषजनपूजनीया चेयं जाति: तस्मै प्रणामम् अकरवम्। (कादंबरी/चंद्रापीडकथा)
हिंदी में अर्थ– महाश्वेता चंद्रापीड से कहती है– ऋषि-मुनियों की जाति सभी के लिए पूजनीय होती है, इसलिए मैंने मुनिकुमार पुण्डरीक को प्रणाम किया।

अशान्तस्य कुत: सुखम्। (श्रीमद्भगवद्गीता– 2/26)
हिंदी में अर्थ– अशान्त (शान्ति रहित) व्यक्ति को सुख कैसे मिल सकता है?
Tags : संस्कृत संस्कृत सूक्ति
Useful for : UPSC, State PSC, IBPS, SSC, Railway, NDA, Police Exams
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Web Title : Artho Hi Kanya Parkiya Ev