चतुर्थ आंग्ल-मैसूर युद्ध का प्राथमिक कारण क्या था?

(A) मद्रास में ब्रिटिश क्षेत्रों पर टीपू का आक्रमण
(B) टीपू की शक्ति को पूरी तरह से नष्ट करने के उद्देश्य से अंग्रेजों का मैसूर पर आक्रमण
(C) अंग्रेजों के सहयोगी हैदराबाद पर टीपू का आक्रमण
(D) टीपू के विरुद्ध निज़ाम और अंग्रेजों के मध्य सहबन्ध

Answer : टीपू की शक्ति को पूरी तरह से नष्ट करने के उद्देश्य से अंग्रेजों का मैसूर पर आक्रमण

Explanation : चतुर्थ आंग्ल-मैसूर युद्ध का प्राथमिक कारण टीपू की शक्ति को पूरी तरह से नष्ट करने के उद्देश्य से अंग्रेजों का मैसूर पर आक्रमण था। चौथे आंग्ल-मैसूर युद्ध का प्राथमिक कारण था अंग्रेजों द्वारा टीपू की शक्ति को पूरी तरह से नष्ट करना। 1798 ई. में लार्ड वेलेजली भारत का गवर्नर जनरल बना। उसने टीपू को पूर्णतः समाप्त करने या अपने अधीन करने का दृढ़ निश्चय किया। उसने टीपू सुल्तान पर यह दोष लगाया कि वह निजाम तथा मराठों के साथ मिलकर अंग्रेजों के विरुद्ध षडयंत्र रच रहा है अथवा अरब, अफगानिस्तान के जमान शाह, कुस्तुनतुनिया, मॉरीशस में फ्रेंच अधिकारियों आदि के साथ अंग्रेजों के विरुद्द मोर्चा बनाने के लिए पत्र-व्यवहार कर रहा है।
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Web Title : Chaturth Angle Mysore Yudh Ka Prathmik Karan Kya Tha