क्रिकेट बैट के लिए विलो कहाँ से प्राप्त होता है?

(A) उष्ण कटिबंधीय वन
(B) वर्षा प्रचुर वन
(C) पतझड़ी वन
(D) शंकुवृक्षी वन

Answer : पतझड़ी वन

Explanation : क्रिकेट बैट के लिए विलो पतझड़ी वन से प्राप्त होता है। विलो (Willow) पर्णपाती पेड़ों और झाड़ियों की एक प्रजाति है, इसका वैज्ञानिक नाम है सैलिक्स ऐल्बा। जो मुख्य रूप से उत्तरी गोलार्द्ध के शीतोष्ण क्षेत्रों और शीत ऋतु में नमीयुक्त मृदा में पाई जाती है। विलो की लकड़ी का प्रयोग संदूक, झाडू, क्रिकेट बैट्स (विशेष रूप से सफेद विलो की लकड़ी से), पालना इत्यादि बनाने में किया जाता है। विलो के पेड़ इंग्लैंड के ऐसेक्स इलाके में होते हैं, भारत में ये सबसे ज्यादा कश्मीर में होता है। भारत के ज्यादातर हिस्सों में कश्मीर से ही बैट बनकर आते हैं। आपको बता दे कि कुछ सालों पहले बैट के नियम में बदलाव किया गया था जब ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेटर इयान हिली ने एल्यूमिनियम धातु के बैट का इस्तेमाल किया था। जब विपक्षी टीम के कप्तान ने अंपायर से कहा कि भारी धातु से बना यह बैट क्रिकेट गेंद को खराब कर रहा है तब अंपायरों ने हिली को उस बल्ले को नहीं इस्तेमाल करने को कहा। तभी से क्रिकेट में नया नियम लागू हुआ कि क्रिकेट बैट की ब्लेड अनिवार्य रूप से लकड़ी की होनी चाहिए।
Tags : खेल जगत प्रश्नोत्तरी
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Web Title : Cricket Bat Ke Liye Vilo Kahan Se Prapt Hota Hai