खिलाफत आंदोलन के परिणाम क्या थे?
(A) हिंदू-मुस्लिम मतभेदों में कमी आई
(B) भाषा की समस्या तीव्र हुई
(C) हिंदू-मुस्लिम दंगे बढ़े
(D) हिंदूओं को दबाया गया
Answer : हिंदू-मुस्लिम मतभेदों में कमी आई
Explanation : खिलाफत आंदोलन के परिणाम सबसे प्रमुख हिंदू-मुस्लिम मतभेदों में कमी आई थी। प्रथम विश्व युद्ध में मुसलमानों ने तुर्की के खिलाफ अंग्रेजों की इस शर्त पर सहायता की थी कि वे भारतीय मुसलमानों के धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप न करें और साथ ही उनके धर्म स्थलों की रक्षा करें परन्तु युद्ध में इंग्लैण्ड की विजय के बाद सरकार अपने वादे से मुकर गई। महात्मा गांधी ने मुसलमानों के साथ सहानुभूति व्यक्त की। गांधी जी को दिल्ली में हुए ‘अखिल भारतीय खिलाफ कमेटी’ के अधिवेशन का अध्यक्ष चुना गया। इनके सुझाव पर असहयोग एवं स्वदेशी की नीति अपनायी गयी। जून 1920 को इलाहाबाद में हुई हिन्दू-मुस्लिम एकता की संयुक्त बैठक में असहयोग के अस्त्र को अपनाए जाने का निर्णय लिया गया। 31 अगस्त, 1920 को ‘खिलाफत दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया। असहयोग आंदोलन में दोनों कौमों ने संयुक्त रूप से आंदोलन में भाग लिया।
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Tags : आधुनिक इतिहास, इतिहास प्रश्नोत्तरी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
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