मा कश्चिद् दुख भागभवेत का अर्थ

(A) आलस्य मनुष्य के शरीर में रहने वाला उसी का घोर शत्रु है।
(B) अशान्त (शान्ति रहित) व्यक्ति को सुख कैसे मिल सकता है?
(C) कोई दु:खी न हो।
(D) इनमें से कोई नहीं

Answer : कोई दु:खी न हो।

Explanation : संस्कृत सूक्ति 'मा कश्चिद् दुख भागभवेत' का हिंदी में अर्थ– कोई दु:खी न हो। State TET, CTET, TGT, PGT आदि परीक्षाओं के लिए कुछ अन्य महत्वपूर्ण संस्कृत सूक्तियां हिंदी में अर्थ सहित पढ़े–
गुणा: पूजास्थानं गुणिषु न च​ लिड़्ंग न च वय:।
हिंदी में अर्थ– सीमा विषयक शोक से युक्त जनक तथा अरुन्धती की बातचीत-अरुन्धती का कथन– 'गुणवानों में गुण ही पूजा के स्थान होते हैं, न को​ई चिन्ह विशेष, न आयु।'

चित्रार्पितारम्भ इवावतस्थे। (रघुवंशम्– 2/31)
हिंदी में अर्थ– चित्र में लिखे हुए बाण निकालने के उद्योग में लगे हुए की भांति हो गया।
Tags : संस्कृत संस्कृत सूक्ति
Useful for : UPSC, State PSC, IBPS, SSC, Railway, NDA, Police Exams
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Web Title : Ma Kaschit Dukha Bhag Bhavet