परिक्रमा किस दिशा में करनी चाहिए?

(A) पूर्वोत्तर या उत्तर दिशा में
(B) दक्षिण दिशा में
(C) पूरब दिशा में
(D) किसी भी दिशा में

Answer : दक्षिण दिशा में

Explanation : परिक्रमा हमेशा दक्षिण दिशा में करनी चाहिए। मंदिर में या घर में पूजा-पाठ करते समय भगवान का ध्यान करते हुए परिक्रमा जरूर करनी चाहिए। परिक्रमा करना किसी भी देवी-देवता की पूजा का महत्वपूर्ण कारक है। प्रतिमा और मंदिर की परिक्रमा अपने दाहिने हाथ की ओर से शुरू करनी चाहिए। मंदिर में स्थापित मूर्तियों के आसपास सकारात्मक ऊर्जा रहती है, जो कि उत्तर से दक्षिण की ओर प्रवाहित होती रहती है। बाएं हाथ की ओर से परिक्रमा करने पर इस सकारात्मक ऊर्जा से हमारे शरीर का टकराव होता है, जो कि अशुभ माना गया है। दाहिने का अर्थ दक्षिण भी होता है, इसी वजह से परिक्रमा को प्रदक्षिणा भी कहा जाता है। सूर्य देव की सात, श्रीगणेश की तीन, श्री विष्णु और उनके अवतारों की चार, श्री दुर्गा की एक, शिवलिंग की आधी, हनुमानजी की तीन प्रदक्षिणा करें।
Tags : हिंदू धर्म
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Web Title : Parikrama Kis Disha Mein Karni Chahiye