परमार वंश का प्रथम स्वतंत्र शासक कौन था?

(A) उपेंद्र
(B) श्रीहर्ष
(C) भोज
(D) विजयपाल यादव

Answer : श्रीहर्ष

Explanation : परमार वंश का प्रथम स्वतंत्र शासक सीयक या श्रीहर्ष था, जबकि इस वंश का संस्थापक उपेंद्र था। परमारों का मूल स्थान मालवा था। 997 ई. में मुंज परमार ने आहड़, चित्तौड़, चंद्रावती (आबू), किराडू (बाडमेर), अर्थूना (बाँसवाड़ा) पर अधिकार कर लिया। मुंज की ख्याति एक विद्धान व विद्धानों के संरक्षक के रूप में है। मालवा के प्रतापी शासक मुंल ने 'कवि वृष' की उपाधि धारण की। इसके बाद भोज परमार प्रतापी शासक हुए। वह स्वयं बड़ा विद्यानुरागी था। वल्लभ, मेरूतुंग, सुबंधु आदि अनेक विद्धान भोज के दरबार में सुशोभित थे। भोज ने चित्तौड़गढ़ में त्रिभवन नारायण का भव्य शिव मंदिर बनवाया। इस शाखा में धरणीवराह, महीपाल, घंधुक, कृष्णदेव, विक्रमसिंह, धारावर्ष आदि प्रसिद्ध शासक हुए। परमार चार अन्य शाखाओं में बंटे हुए थे- (i) जालोर के परमार, (ii) किराडू के परमार (किराडू में सोमेश्वर मंदिर का निर्माण करवाया),(iii) मालवा के परमार, (iv) बागड़ के परमार (अर्थना में मंडलेश्वर मंदिर का निर्माण इस शाखा के चामुंडाराज ने करवाया)।
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Web Title : Parmar Vansh Ka Pratham Svatantra Shasak Kaun Tha