प्रच्छन्न बौद्ध किसे कहा जाता है?

(A) शंकर
(B) कपिल
(C) रामानुज
(D) पतंजलि

Question Asked : CGPSC Prelims Exam 2020 : General Studies-I

Answer : शंकर (शंकराचार्य)

Explanation : शंकर (शंकराचार्य) को प्रच्छन्न बौद्ध कहा जाता है। प्रच्छन्न बौद्ध का तात्पर्य यह है कि शंकर बाह्य रूप से उपनिषद और ब्रह्मसूत्र की व्याख्या करते हैं, किंतु छिपे रूप में वे बौद्ध दर्शन की मान्यताओं को ही प्रस्तुत करते हैं। उल्लेखनीय है कि शंकराचार्य के अद्वैतवाद में कई ऐसी अवधारणाएं हैं, जो बौद्ध दर्शन के महायानी संप्रदायों माध्यमिक शून्यवाद तथा योगाचार विज्ञानवाद से मिलती-जुलती हैं। यही कारण है कि विभिन्न दर्शनों के कई आचार्यों; जैसे–रामानुज, वल्लभ शाकिनाथ आदि की धारणा रही है कि शंकर प्रच्छन्न बौद्ध है। प्रच्छन्न बौद्ध का सर्वप्रथम प्रयोग रामानुज ने किया था।
Tags : मध्यकालीन भारत प्रश्नोत्तरी
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Web Title : Prachhan Baudh Kise Kaha Jata Hai