सोडियम पंप का कार्य कहाँ पर होता है?

(A) मांसपेशियों के संकुचन में
(B) हृदय की धड़कन में
(C) तंत्रिका आवेग में
(D) इनमें से कोई नहीं

Answer : तंत्रिका आवेग में

Explanation : तंत्रिका आवेगों की उत्पत्ति एवं संचरण : तंत्रिकोशिकाएं (न्यूरोंस) उद्दीपन शील कोशिकाएं हैं, क्योंकि उनकी झिल्ली ध्रुवीय अवस्था में रहती है। विभिन्न प्रकार के आयन प​थ (चैनल) तंत्रिका झिल्ली पर पाए जाते हैं। ये आयन पथ विभिन्न आयनों के लिए चयनात्मक पारगम्य है। जब कोई न्यूरॉन आवेगों का संचरण नहीं करते हैं जैसे कि विराम अवस्था में तंत्रिकाक्ष झिल्ली सोडियम आयंस की तुलना में पोटेशियम आयंस तथा क्लोराइड आयंस के लिए अधिक पारगम्य होती है। इसी प्रकार से झिल्ली, तंत्रिकाक्ष द्रव्य में उपस्थित ऋण आवेशित प्रोटिकॉल में भी अपारगम्य होती है। धीरे-धीरे तंत्रिकाक्ष के तंत्रिका द्रव्य में K+ तथा ऋणात्मक आवेशित प्रोटीन की उच्च सांद्रता तथा Na+ की निम्न सांद्रता होती है। इस भिन्नता के कारण सान्द्रता प्रवणता बनती है। झिल्ली पर पाई जाने वाली इस आयनिक प्रवणता को सोडियम पोटेशियम पंप द्वारा नियमित किया जाता है। इस पंप द्वारा प्रतिचक्र 3Na+ बाहर की ओर व 2K+ कोशिका में प्रवेश करते हैं।
Tags : जीव विज्ञान प्रश्नोत्तरी
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Web Title : Sodium Pump Ka Karya Kahan Par Hota Hai