बौद्ध धर्म और जैन धर्म में क्या समानता है?

(A) कर्म तथा पुनर्जन्म के सिद्धांत सही हैं।
(B) मृत्यु के पश्चात् ही मोक्ष संभव है।
(C) स्त्री तथा पुरुष दोनों ही मोक्ष प्राप्त कर सकते हैं।
(D) जीवन में मध्यम मार्ग सर्वश्रेष्ठ है।

Answer : कर्म तथा पुनर्जन्म के सिद्धांत सही हैं।

Explanation : बौद्ध धर्म और जैन धर्म में समानता का कारण कर्म तथा पुनर्जन्म में विश्वास करना है। इसके अलावा बौद्ध धर्म मध्यम मार्ग का उपदेश देता है, तो जैन धर्म मोक्ष के लिए घोर तपस्या तथा शरीर त्याग का आदेश देता है। बौद्ध धर्म आत्मा के अस्तित्व में विश्वास नहीं करता था वही महावीर आत्मा में विश्वास करते थे। कर्मवाद तथा मोक्ष संबंधी दोनों धर्मों के विचार भिन्न-भिन्न हैं। जैन धर्म कर्म को एक भौतिक तत्त्व के रूप में मानता है जबकि बौद्ध धर्म इच्छा द्वारा किए गए कार्य को ही कर्म कहता है। इसी प्रकार जैन मत के अनुसार मोक्ष का अर्थ शरीर विनाश है जबकि बौद्ध मत के अनुसार निर्वाण इस जीवन में भी प्राप्त हो सकता है। स्वयं बुद्ध का जीवन इसका प्रमाण है। गौतम बुद्ध ने जाति-पाति जैसी सामाजिक कुरीतियों का जितने प्रबल शब्दों में खंडन किया, महावीर ने नहीं किया। सामाजिक विषयों में महावीर के विचार ब्राह्मणों से बहुत मिलते-जुलते थे। इस प्रकार देखा जाए तो ये दोनों वैदिक धर्म के सुधारवादी स्वरूप थे।
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Web Title : Baudh Dharm Aur Jain Dharm Mein Kya Samanta Hai