पारितंत्र एवं जैव-विविधता का अर्थतंत्र क्या है?

(A) यह एक पहल है, जिसकी मेजबानी UNEP, IMF एवं विश्व आर्थिक मंच (World Economic Forum) करते हैं।
(B) यह एक विश्वव्यापी पहल है, जो जैव-विविधता के आर्थिक लाभों के प्रति ध्यान आकर्षित करने पर केंद्रित है।
(C) यह ऐसा उपागम प्रस्तुत करता है, जो पारितंत्रों और जैव-विविधता के मूल्य की पहचान, निदर्शन और अभिग्रहण में निर्णयकर्ताओं की सहायता कर सकता है।
(D) B और C दोनों

Answer : B और C दोनों

Explanation : पारितंत्र एवं जैव विविधता का अर्थतंत्र (The Economics of Ecosystems and Biodiversity, TEEB) एक वैश्विक पहल है जिसका मुख्य उद्देश्य है कि निर्णयन के प्रत्येक स्तर पर पारितंत्र एवं जैव-विविधता को महत्ता प्राप्त हो। इस पहल को प्रारंभ करने का निर्णय मार्च, 2007 में पोट्सडम (जर्मनी) में आयोजित जी 8+5 समूह के देशों के पर्यावरण मंत्रियों के सम्मेलन में लिया गया। इस पहल के अंतर्गत जैव-विविधता के वैश्विक लाभों, जैव-विविधता से क्षय की लागत तथा संरक्षण उपायों की असफलता बनाम प्रभावी संरक्षण की लागत का विश्लेषण करने संबंधी निर्णय लिया गया। इस पहल की प्रथम रिपोर्ट के अंतर्गत परितंत्र एवं जैव-विविधता के अर्थतंत्र को शुरू करने का निर्णय लिया गया। इस रिपोर्ट को वर्ष 2008 में आयोजित कंवेंशन ऑन बायोडायवर्सिटी (सीबीडी) के कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज (COP-9) की मीटिंग में प्रस्तुत किया गया। वर्ष 2010 में इसकी दूसरी रिपोर्ट आई जिसे CBD/COP-10 नगोया (जापान) में प्रस्तुत किया गया। वैश्विक स्तर पर जब से TEEB रिपोर्ट आई है, तब से विभिन्न देशों द्वारा अपने पारितंत्र एवं जैव-विविधता का मूल्य प्रदर्शन का चलन बढ़ा है तथा वह नीति निर्धारण में पारितंत्र एवं जैव-विविधता के महत्व को भी अधिक प्राथमिकता देने लगे हैं।
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Web Title : Paritantra Evan Jaiv Vividhta Ka Arthtantra Kya Hai