चोल प्रशासन की मुख्य विशेषता क्या थी?

(A) साम्राज्य का मंडलों में विभाजन
(B) ग्राम प्रशासन की स्वायत्तता
(C) राज्य के मंत्रियों को समस्त अधिकार
(D) कर संग्रह प्रणाली का सस्ता व उचित होना

Answer : ग्राम प्रशासन की स्वायत्तता

Explanation : चोल प्रशासन की मुख्य विशेषता उनकी ग्राम प्रशासन की स्वायत्तता थी। यह चोलों की महत्वपूर्ण देनों में से एक है। उर या सभा एवं महासभा ये दो प्रमुख संस्थाएं थीं जिनसे ग्राम प्रशासन चलता था। अभिलेखों से प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम को 30 भागों में विभाजित कर दिया जाता था। निश्चित योग्यता रखने वाले एक व्यक्ति को चुना जाता था। निम्नलिखित योग्यता आवश्यक थी- (1) वह उस ग्राम का निवासी हो। (2) उसकी आयु 35 और 70 वर्ष के बीच हो। (3) एक-चौथाई वेलि (लगभग डेढ़ एकड़) से अधिक भूमि का स्वामी हो। (4) अपनी ही भूमि पर बनाये मकान में रहता हो। (5) वैदिक मन्त्रों और ब्राह्मण ग्रन्थों का सम्यक ज्ञान हो। चोल प्रशासन में राजा प्रमुख होता था और इसका प्रशासन जटिल नौकरशाही पर आधारित थी। राजा को असीमित शक्तियां प्राप्त थीं, फिर भी राजा प्रशासन में विभागों के प्रमुख से परामर्श लिया करता था।
Useful for : UPSC, State PSC, SSC, Railway, TET, BEd, Sub-inspector Exams
करेंट अफेयर्स 2023 और नवीनतम जीके अपडेट के लिए GK Prashn Uttar YouTube चैनल को सब्सक्राइब करें
Related Questions
Web Title : Chol Prashasan Ki Mukhya Visheshta Kya Thi