तानपुरा में कितने तार होते हैं?

(A) दो तार
(B) तीन तार
(C) चार तार
(D) छ: तार

Answer : चार तार

Explanation : तानपुरा में चार तार होते हैं। जो लोहे और पीतल के बने होते हैं। पुरुषों के तानपुरे में चारों तार कुछ मोटे तथा स्त्रियों के तानपुरे में कुछ पतले होते हैं। प्रत्येक तार के नीचे मनका तथा सूत (डोरा) अटका रहता है। अच्छे तारों की ध्वनि सुंदर और मधुर होती है। चारों तार निम्न प्रकार में मिलाए जाते हैं–
तार 1 – पहला तार पुरुषों के तानपुरे में प्रायः पीतल तथा स्त्रियों के तानपुरे में स्टील का होता है। यह तार जोड़े के तारों से मोटा तथा खरज के तार से पतला होता है।
तार 1 और 3 – ये बीच के दोनों तार ‘जोड़ के तार' कहलाते हैं। ये तार एक ही मोटाई के स्टील के बने होते हैं। अन्य दोनों तार से ये पतले होते हैं। ये जोड़ के तार कहलाते हैं। इन्हें गायक-वादक ‘आधार स्वर' अर्थात् षड्ज में मिलाते हैं। गायक अपने गले की पहुँच के अनुसार ऊँचा या नीचा स्वर स्थापित कर लेता है तथा उसी स्वर में इन तारों को मिलाता है।
तार 4 – यह अंतिम तार पीतल का होता है। यह तार सबसे मोटा होता है। इस तार को जोड़ वाले स्वर (सा) से आधा नीचे अर्थात् मंद्र सा में मिलाया जाता है। इसे 'खरज' भी कहते हैं।
Tags : स्वरलिपि
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Web Title : Tanpura Mein Kitne Tar Hote Hain