संगीत रत्नाकर में कुल कितने रागों का वर्णन है?

(A) 246 रागों का
(B) 261 रागों का
(C) 264 रागों का
(D) 268 रागों का

Answer : 264 रागों का

Explanation : संगीत रत्नाकर में कुल 264 रागों का वर्णन है। संगीत रत्नाकर ग्रंथ के सात अध्यायों में दूसरा अध्याय रागविवेकाध्याय हैं। इसमें 'मार्ग' राग-ग्राम राग, उपराग, राग, भाषा, विभाषा, अंतर्भाषा तथा 'देशी' राग-भाषांग, उपांग, क्रियांग और रागांग के रूप में रागों का दशविध वर्गीकरण दिया गया है। संगीत रत्नाकर में प्रत्येक वर्ग के आधार पर रागों की कुल संख्या 264 है। इस अध्याय में दो प्रकरण हैं। प्रथम प्रकरण के अंतर्गत पाँच गीतियों - शुद्धा, भिन्ना, गौड़ी, वेसरा व साधारणी के आधार पर पाँच प्रकार के ग्राम राग बताये हैं। तत्पश्चात् उपराग, राग, भाषा, विभाषा एवं अंतर्भाषा का उल्लेख है। द्वितीय प्रकरण में रागालाप एवं आक्षिप्तिका के साथ-साथ पूर्वप्रसिद्ध व अधुनाप्रसिद्ध (उस काल में प्रचलित) देशी रागों का वर्णन है। बता दे कि शारंगदेव कृत 'संगीत रत्नाकर' ग्रंथ के सात अध्याय हैं–जिसमें स्वरगताध्याय, रागविवेकाध्याय, प्रकीर्णकाध्याय, प्रबंधाध्याय, तालाध्याय, वाद्याध्याय तथा नर्तनाध्याय। इसमें शुरू के छ: अध्याय संगीत और वाद्ययंत्रों के बारे में और अंतिम सातवाँ अध्याय नृत्य के बारे में है।
Tags : संगीत रत्नाकर स्वरलिपि
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Web Title : Sangeet Ratnakar Mein Kul Kitne Raago Ka Varnan Hai